
हर साल की तरह इस बार भी नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स का मंच चमका – कुछ उम्मीदों ने उड़ान भरी तो कुछ फैसलों पर जनता की भौंहें तनी। पर एक बात तो साफ़ है – इस साल के अवॉर्ड्स में ‘विविधता’ का डंका बजा।
बेस्ट हिंदी फिल्म – ‘कटहल’: फल नहीं, फिल्म है जनाब!
नेटफ्लिक्स पर आई ‘कटहल: द जैकफ्रूट मिस्ट्री’ ने अपनी अनोखी स्क्रिप्ट और सामाजिक तंजों की बदौलत इस साल का बेस्ट हिंदी फिल्म अवॉर्ड जीत लिया। कटहल, जो पहले मज़ाक समझी गई थी, अब खुद एक सम्मानित नाम बन चुकी है।
एक्टिंग के महारथी: शाहरुख और विक्रांत का डबल धमाका
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बेस्ट एक्टर:
शाहरुख खान – ‘जवान’ में एक्शन और इमोशन का सिंघम अंदाज़
विक्रांत मैसी – ’12th फेल’ में रियलिस्टिक और गहराई भरी परफॉर्मेंस -
बेस्ट एक्ट्रेस:
रानी मुखर्जी – ‘मिसेज़ चटर्जी वर्सेज़ नॉर्वे’ में ममतामयी विद्रोह
“एक तरफ शाहरुख ने बॉक्स ऑफिस फाड़ा, दूसरी तरफ विक्रांत ने दिल जीत लिए।” ✨
बेस्ट डायरेक्टर – सुदीप्तो सेन (द केरला स्टोरी)
विवादों के बादलों के बीच भी ‘द केरला स्टोरी’ की गूंज ने निर्देशक सुदीप्तो सेन को बेस्ट डायरेक्टर का तमगा दिलाया। जीत का यह बयान है – “फिल्म बोलती है, अगर मुद्दा गूंजता है।”
म्यूजिक, डांस और ढोल-नगाड़ा!
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बेस्ट कोरियोग्राफी: ‘ढिंढोरा बाजे रे’ – वैभवी मर्चेंट (Rocky Aur Rani Ki Prem Kahani)
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बेस्ट म्यूजिक डायरेक्शन:
G.V. प्रकाश – ‘वाथी’ (तमिल)
हर्षवर्धन रामेश्वर – ‘एनिमल’ (हिंदी) -
बेस्ट लिरिक्स: कासरला श्याम – बलगम (तेलुगू)
“ढिंढोरा ही नहीं, पूरा अवॉर्ड्स मंच गूंज उठा!”
सपोर्टिंग स्टार्स: पर्दे के पीछे के हीरो
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बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर: विजयरावर्घवन – ‘पोक्कोलम’ (मलयालम)
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बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस:
जानकी बोडिवाला – ‘वश’ (गुजराती)
उर्वशी – ‘उल्लोजुकु’ (मलयालम)
टेक्निकल अवॉर्ड्स: स्क्रिप्ट से सिनेमैटोग्राफी तक
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बेस्ट एडिटिंग: मिधुन मुरली – ‘पोक्कालम’
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बेस्ट सिनेमैटोग्राफी: प्रशन्तनु मोहपात्रा – ‘द केरला स्टोरी’
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बेस्ट डायलॉग राइटर: दीपक किंगरानी – ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’
बेस्ट फीचर और पॉपुलर फिल्में
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बेस्ट फीचर फिल्म: ’12th फेल’ – संघर्ष की सच्ची कहानी, जिसने उम्मीदों को उड़ान दी।
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बेस्ट पॉपुलर फिल्म: ‘रॉकी और रानी की प्रेम कहानी’ – करण जौहर की फैमिली ड्रामा ने रेट्रो में ट्रेंडी पिरोया।
बच्चों के लिए भी अवॉर्ड्स!
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बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट: सुक्रित वेनी बनद्रेदी, कबीर कंधारे और नाल फिल्म के नन्हे सितारे
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बेस्ट चिल्ड्रेन फिल्म: नाल 2
विविधता और समावेशिता की झलक
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बेस्ट गुजराती – वश
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बेस्ट तमिल – पार्किंग
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बेस्ट मराठी – श्यामची आई
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बेस्ट मलयालम – उल्लोजुकु
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बेस्ट उड़िया – पुष्करा
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बेस्ट असमी – रोगांटापु 1982
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बेस्ट पंजाबी – गोड्डे गोड्डे चा
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बेस्ट कन्नड़ा – कंडीलू
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बेस्ट तेलुगू – भगवानंथ केसरी
कटहल से जवान तक – स्वाद भी था, सरप्राइज़ भी!
इस बार के नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स 2023 ने साबित कर दिया कि भारतीय सिनेमा की जड़ें गहरी और शाखाएं बहुत रंगीन हैं। चाहे वो कटहल जैसी क्रिटिकल फिल्म हो या शाहरुख जैसी कमर्शियल ब्लॉकबस्टर – सबको जगह मिली, सबको सराहा गया।
तो अगली बार जब कोई कहे “अवॉर्ड्स में बस चमक होती है”, उन्हें ये लिस्ट दिखा देना!